Haryana Crime: साथ खेलने गया भाई लौटा अकेला – बहन के साथ हुई हैवानियत ने झकझोर दिया

Haryana Crime: हरियाणा के राजीव नगर इलाके के रहने वाले नवीन कुमार को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। यह सजा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ गगनदीप मित्तल की अदालत ने सुनाई। मामला एक ऐसी लड़की से जुड़ा है जो मानसिक रूप से कमजोर है और जिसकी उम्र 24 साल है। पीड़िता की मां ने पुलिस में शिकायत दी थी कि वह प्राइवेट नौकरी करती हैं और रोज की तरह उनकी बेटी पास की कॉलोनी में खेलने गई थी लेकिन देर शाम तक जब वह घर नहीं लौटी तो उन्होंने चिंता जताई और थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाई। यह घटना 25 जनवरी 2022 की है जब HTM थाना पुलिस ने पहले गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की थी। बाद में पीड़िता के मिलने और मेडिकल जांच के बाद मामला दुष्कर्म और अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत दर्ज हुआ।
अजनबी ने भेजा भाई को और खुद ले गया होटल
लड़की के अगले दिन मिलने के बाद उसने जो बयान पुलिस को दिया वह दिल दहला देने वाला था। उसने बताया कि वह अपने 10 साल के छोटे भाई के साथ खेलते हुए बाहर गई थी। रास्ते में उसे एक अजनबी युवक मिला जिसने किसी बहाने से उसके भाई को वापस घर भेज दिया और फिर उसे अपने साथ होटल ले गया। लड़की ने बताया कि उसे यह नहीं पता था कि वह कहां जा रही है। युवक ने होटल में उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद वह वहीं सो गई। लड़की की हालत देखकर साफ लग रहा था कि वह मानसिक रूप से असहाय है और युवक ने इसी कमजोरी का फायदा उठाया।
पुलिस ने की जांच और पेश किए सबूत
HTM थाना पुलिस ने लड़की के बयान के बाद मामला गंभीरता से लिया और आरोपी की तलाश शुरू की। मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई तो पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान राजीव नगर के नवीन कुमार के रूप में हुई। पुलिस ने केस को तेजी से आगे बढ़ाया और चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश की। सरकारी वकील विजेंद्र सिंह ने अदालत में सारे सबूत और मेडिकल रिपोर्ट पेश किए जिससे कोर्ट को यह यकीन हो गया कि आरोपी ने गंभीर अपराध किया है। कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
न्याय के फैसले से परिवार को राहत
पीड़िता के परिवार के लिए यह फैसला राहत की बात है। मां ने बताया कि उनकी बेटी को यह भी ठीक से समझ नहीं आता कि उसके साथ क्या हुआ है। लेकिन उन्होंने न्यायपालिका पर भरोसा बनाए रखा। अदालत ने जिस गंभीरता से मामले की सुनवाई की वह सराहनीय है। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में समाज को सतर्क रहना चाहिए और विशेष जरूरतों वाले लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। यह फैसला उन सभी लोगों के लिए संदेश है जो कमजोर वर्गों को निशाना बनाते हैं।